सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं



भगवान् धन्वन्तरी सभी को आरोग्य-धन प्रदान करें  



नर्क चतुर्दशी की शुभकामनाएँ 








दीपोत्सव के बहाने ईश्वर हम सभी के ह्रदय में प्रेम का दीप जलने में सहायक हो 



अन्नकूट पर यही कामना है की विश्वंभर भगवान् विश्व भर में अन्न के कूट (पर्वत) खड़े रखें कोई भूखा ना रहें . 






 भाई बहन के जैसा निश्चल प्रेम सभी के मन में व्याप्त हो .



मैंने छ: साल पहले पटाखे चलाना छोड़ दिया है. परिवार के अन्य सदस्यों (बच्चों) को साल-दर-साल अपने साथ जोड़ रहा हूँ . आप कब जोड़ रहें है अपने आपको पर्यावरण की रक्षा के निमित्त !
"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें" 

मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

शब-ए-गम



  वो गुदाज-ए-दिल-ए-मरहूम कहां से लाऊं
   अब मैं वो जज्बा-ए-मासूम कहां से लाऊं  

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मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था,
तेरी तस्वीर से करता था बातें,
मेरे कमरे में आईना नहीं था,
समन्दर ने मुझे प्यासा ही रखा,
मैं जब सहरा में था प्यासा नहीं था,
मनाने रुठने के खेल में,
बिछड जायेगे हम ये सोचा नहीं था,
सुना है बन्द करली उसने आँखे,
कई रातों से वो सोया नहीं था,

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