tag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post4435027754592037439..comments2024-03-23T15:42:05.574+05:30Comments on अमित शर्मा: ईश्वर प्रदत्त जीवन पद्दति सिर्फ और सिर्फ एक ही है प्राणिमात्र का कल्याण करते हुए उस परमात्मा का ध्यान करनाAmit Sharmahttp://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-78416649057472230062010-05-02T08:57:17.360+05:302010-05-02T08:57:17.360+05:30साधुवाद है आपके विचारों को
ऐसे ही लिखते रहिये .....साधुवाद है आपके विचारों को <br /><br />ऐसे ही लिखते रहिये .........<br /><br /> कलियुग में ईश्वर को पाने के लिये इस पर विचार करें ....<br /><br />मुझको कहाँ ढूंढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में<br />ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में,<br />ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना काबे कैलाश में,<br />में तो तेरे पास में बन्दे, में तो तेरे पास में,<br />बन्दा रे बन्दा रे..............<br /><br />खोजी होए तुंरत मिल जाऊं, इक पल की तलाश में,<br />कहेत कबीर सुनो भाई साधो, मैं तो हूँ विश्वास में,<br />ओ बन्दा रे मैं तो तेरे पास में …<br /><br />ना मैं जप में ना मैं टाप में, ना व्रत उपवास में,<br />ना मैं किर्या-कर्म में रहता, नाही जोग सन्यास में,<br />नाही प्राण में नहीं पिंड में,ना ब्रह्माण्ड आकाश में,<br />ना मैं प्रकृति प्रवर गुफा में, नाहीं स्वसन की साँस में,<br />बन्दा रे बन्दा रेएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-16068364384112128942010-05-01T16:57:39.177+05:302010-05-01T16:57:39.177+05:30प्रिय अमित जी
आपकी उदात्त भावनाएं व विचारों की ह...प्रिय अमित जी<br /><br />आपकी उदात्त भावनाएं व विचारों की ही आज इस समाज को सर्वाधिक आवश्यकता है।<br /><br />बहुत दुख होता है लोगों को इन पवित्र ग्रन्थों पर आरोप लगाते देखकर,<br /><br />पर इनके मुखपिधान नहीं किये जा सकते हैं अत: कुपंथाश्रित लोगों की बातों से मन को खिन्न न ही करें तो ही अच्छा है।<br /><br />और जिन ग्रन्थों का अस्तित्व आज भी तद्वद ही है जैसा पहले था , मात्र कुछेक प्रलापियों के अनर्गल प्रलाप से उन ग्रन्थों की महत्ता कम नहीं होगी अपितु बढेगी ही।<br /><br /><br />साधुवाद है आपको और आपके शुभ विचारों को<br /><br /><br />ईश्वर आपकी वाणी को और भी पुष्ट करें।।SANSKRITJAGAThttps://www.blogger.com/profile/12337323262720898734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-82176175225409924872010-05-01T10:21:40.885+05:302010-05-01T10:21:40.885+05:30YOU R WRITING VERY WELL CONTINUE IT. HOPE FOR THE ...YOU R WRITING VERY WELL CONTINUE IT. HOPE FOR THE BEST.HEMANThttp://www.orkut.co.in/Main#Profile?uid=13320246217213873476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-13319114678176065722010-05-01T10:15:51.183+05:302010-05-01T10:15:51.183+05:30Jai shree Krishna Bhai sahab,
really such a nice t...Jai shree Krishna Bhai sahab,<br />really such a nice thoughts bro...,BasantKrVermahttp://www.blogger.com/profile/18040502922741708080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-5455299615999540172010-05-01T09:52:45.046+05:302010-05-01T09:52:45.046+05:30आपसे पूरण रूप से सहमत हूँ
ऐसे ही लिखते रहिये
aise...आपसे पूरण रूप से सहमत हूँ<br />ऐसे ही लिखते रहिये <br />aise hi man ki dharmik yatra pe le jate rahiyeSANJEEV RANAhttps://www.blogger.com/profile/02649434617771451883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-56894487143785537762010-04-30T22:10:33.079+05:302010-04-30T22:10:33.079+05:30.
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"ईश्वर प्रदत्त जीवन पद्दति सिर्फ और सिर....<br />.<br />.<br />"ईश्वर प्रदत्त जीवन पद्दति सिर्फ और सिर्फ एक ही है प्राणिमात्र का कल्याण करते हुए उस परमात्मा का ध्यान करना."<br /><br />प्रिय अमित,<br /><br />मैं इसे इस तरह लिखूंगा:-<br /><br />"आदर्श जीवन पद्दति सिर्फ और सिर्फ एक ही है मानव समाज का कल्याण करते हुए मानवीय जीवन मूल्यों जैसे न्याय, बराबरी, समानुभूति व तर्क-तथ्य आधारित निष्कर्षों का ध्यान रखना ।"<br /><br />आईये जानें <a href="http://praveenshah.blogspot.com/2010/04/blog-post_30.html" rel="nofollow">"धर्म और ईश्वर में आस्था के बिना<br />आदमी कैसे रहेगा, कैसे जीयेगा ?"</a>प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-69570271174702847292010-04-30T21:27:51.337+05:302010-04-30T21:27:51.337+05:30अमित जी आप ज्ञानी हैं इसमें मुझे कोई संदेह कभी नह...अमित जी आप ज्ञानी हैं इसमें मुझे कोई संदेह कभी नहीं था। आपके लेख ही आपकी उत्कृष्ट सोच का आइना हैं। आपके अगले लेख का इंतजार रहेगा।VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-36301998512779736222010-04-30T20:18:31.716+05:302010-04-30T20:18:31.716+05:30kaafi accha laga aapka post.kaafi accha laga aapka post.रोहितhttp://www.blogger.com/profile/15505244446493519414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-57779689999921392862010-04-30T20:01:08.793+05:302010-04-30T20:01:08.793+05:30kafi gahrai se samjhayi hai aapne shresht baat bad...kafi gahrai se samjhayi hai aapne shresht baat badhayiVipulnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-38991845445153786982010-04-30T18:54:11.454+05:302010-04-30T18:54:11.454+05:30@ पुश्पेंद्रजी , गोपाल जी धन्यवाद्
@ कासमी साहब इ...@ पुश्पेंद्रजी , गोपाल जी धन्यवाद्<br /><br />@ कासमी साहब इस बेसिर पैर की बकवास का आपने अपनी पुस्तक में ब्यौरा दिया है कभी फुर्सत में इसका भी समाधान हो जायेगा " इंशा अल्लहा ". लेकिन कुछ खुद के विवेक से लिखते आप तो शायद और मजा आता. वैसे थोड़ी फुर्सत निकाल कर जल्दी ही बताऊंगा की आपकी पुस्तक कैसी है क्योंकि फिर हमारा सीजन शुरू होने से नेट पे आना-जाना कम हो जायेगाAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-79088832284713547832010-04-30T17:58:26.429+05:302010-04-30T17:58:26.429+05:30Kafi kuch sikhne ko milta hai aapke blog pe. isi t...Kafi kuch sikhne ko milta hai aapke blog pe. isi tarah gyaan bante chaliye nahi to gyaan ke naam pe kchra thamane wale bahut hai yhanGopalhttp://www.blogger.com/profile/12586392104829124140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-19552270607457008072010-04-30T15:53:03.464+05:302010-04-30T15:53:03.464+05:30आप बहुत ज्ञानी हैं अपनी नयी प्रकाशित पुस्तक पर आप...आप बहुत ज्ञानी हैं अपनी नयी प्रकाशित पुस्तक पर आपके विचार जानना चाहूंगा<br /><br />पुस्तक 'हिन्दू राष्ट्र - सम्भव या असम्भव'Aslam Qasmihttps://www.blogger.com/profile/17354036926492989803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-35038243492477986232010-04-30T15:45:24.807+05:302010-04-30T15:45:24.807+05:30"ईश्वर प्रदत्त जीवन पद्दति सिर्फ और सिर्फ एक ..."ईश्वर प्रदत्त जीवन पद्दति सिर्फ और सिर्फ एक ही है प्राणिमात्र का कल्याण करते हुए उस परमात्मा का ध्यान करना."<br /><br />इसी से पता चलता है आपका नोलेज और आपका नाम लेकर अपनी पोस्टों की TRP बदने वालो की करतूत .<br />आप जैसो की ही जरुरत है . धन्यवाद्Pushpendrahttps://www.blogger.com/profile/01342834833517234022noreply@blogger.com