tag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post5839779441235573389..comments2024-03-23T15:42:05.574+05:30Comments on अमित शर्मा: "कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति" --------- अमित शर्माAmit Sharmahttp://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-50372806732794199172011-05-08T23:44:35.996+05:302011-05-08T23:44:35.996+05:30आपने बहुत सही बात कही है लेकिन आज के समय में मदर्स...आपने बहुत सही बात कही है लेकिन आज के समय में मदर्स डे की प्रासंगिकता बढ़ती ही जा रही है और भविष्य में और बढ़ने वाली है .रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-71046203648271795442010-05-20T20:26:04.489+05:302010-05-20T20:26:04.489+05:30सच है माता कभी कुमाता नहीं हो सकतीसच है माता कभी कुमाता नहीं हो सकतीArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-12851636123949221172010-05-20T16:08:10.037+05:302010-05-20T16:08:10.037+05:30इसे कहते हैं गागर में सागर।
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क्या हमें ब्ल...इसे कहते हैं गागर में सागर।<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या हमें ब्लॉग संरक्षक की ज़रूरत है?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">नारीवाद के विरोध में खाप पंचायतों का वैज्ञानिक अस्त्र।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-60728239679415017102010-05-10T12:28:38.346+05:302010-05-10T12:28:38.346+05:30@ पुष्पेन्द्र जी, ज्योतिपाण्डेय जी, विपुल जी, संज...@ पुष्पेन्द्र जी, ज्योतिपाण्डेय जी, विपुल जी, संजीव तिवारी जी, भारतीय नागरिक जी, .ऋतुपर्ण जी, फ़िरदौस ख़ान जी, आनन्द पाण्डेयजी, आप का आभार की आप भारतीयता को पच्छिम की हवा से बचाने के लिए तत्पर है<br /><br />@ प्रतुल जी, विचारीजी, बिंदास जी, श्यामल जी,गौरव जी, कुंवर जी, बिलकुल सही है प्यार एक दिन, माँ एक दिन, पिता एक दिन सारी भावनाए एक दिनी हो गयी है, यह उनके लिए ठीक हो सकती है जो अलग अलग रहते है. पर जब हम भारतीय संस्कृति के सन्दर्भ में बात करे तो जब सारा आधार ही आपसी भावनाओं पे टिका है तो, ये भावनाए सिर्फ एक दिन की महुताज़ क्यों कर बनती जा रही है, सोचना तो हमें ही पड़ेगा ना ..................Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-40670393942343987922010-05-10T09:38:59.617+05:302010-05-10T09:38:59.617+05:30माँ-बाप का ऋण एक दिन में चुकता करने की ये पश्चिमी ...माँ-बाप का ऋण एक दिन में चुकता करने की ये पश्चिमी सोच यहाँ भी अपने पैर पसारने काफी हद तक सफल होती दिखाई दे रही है!ये दुर्भाग्य ही तो है!अरे भगवान् का सबसे शुद्धतम रूप जो प्रत्यक्ष हमारे पास है वो माँ-बाप ही तो है!समस्त जीवन उनको देने पर भी हम उनका ऋण नहीं उतार सकते तो साल में एक दिन उनके नाम पर मस्ती करने से क्या ऐसा हो जाएगा?<br /><br />पश्चिमी समाज में ये सही हो होता होगा या हो सकता है!वहा की जीवन शैली ऐसी हो चुकी है की माँ-बाप जैसी चीज़ वहा याद नहीं रहती होगी बच्चो के!ऐसे में एक-आध दिन बच्चे मस्ती तो हर रोज वाली करे पर वो उस दिन अपने माँ-बाप के नाम पर करे तो उनके तड़पते माँ-बाप की तरसती आत्मा को ये ही सुख देने वाला लगता होगा!तो वहा तो उचित हो सकता है,लेकिन अपने यहाँ......!<br /><br />अपने यहाँ बच्चे अभी इतने नहीं गिरे है!वो बस देखा-देखी ये सब कर रहे है!इसका सबसे सटीक और प्रत्यक्ष उदाहरण आप सब लोग है!क्यों क्या नहीं हो...........<br /><br /><br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-86578129107762393872010-05-10T08:30:10.122+05:302010-05-10T08:30:10.122+05:30आप लिखते है तो लगता है .... किसी पवित्र ग्रंथ को प...आप लिखते है तो लगता है .... किसी पवित्र ग्रंथ को पढ़ रहा हूं <br /><br />आपके लेखन का जवाब नही ....हर चीज़ नपी तुली लगती हैएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-24632212532890156092010-05-10T08:26:18.722+05:302010-05-10T08:26:18.722+05:30अमित आप बिलकुल ठीक हैं :)
मैं ये पोस्ट करने वाला ...अमित आप बिलकुल ठीक हैं :)<br /><br />मैं ये पोस्ट करने वाला था फिर पता नही क्यों ?? "टाइम मशीन" पोस्ट कर दी <br /><br />हर रोज ईश्वर ने जिसे हमारे लिये दुआ करते पाया<br /><br />हमने उसके लिये सिर्फ़ एक दिन "मदर्स डे" बनाया..<br /><br /><br />सारी उम्र वो देती ममता का साया<br /><br />बदले में हमसे सिर्फ़ मदर्स डे पाया ..<br /><br /><br />हमारी कराहने की आवाज सुन, हर बार उसका दिल घबराया<br /><br />उसको धीरज देने को हमने "सिर्फ़ एक दिन" मदर्स डे बनाया ...एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-90868510567558886102010-05-10T08:19:45.514+05:302010-05-10T08:19:45.514+05:30संवेदित कर दिया आपकी बातों ने अमित जी। मुनव्वर राण...संवेदित कर दिया आपकी बातों ने अमित जी। मुनव्वर राणा साहब कहते हैं कि<br /><br />मेरे गुनाहों को इस कदर धो देती है<br />माँ जब गुस्सा में हो तो रो देती है<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-74411646335271744112010-05-10T02:35:33.225+05:302010-05-10T02:35:33.225+05:30जी हां पर ये भारत हैं जहां आज भी अधिकांश दिन मां क...जी हां पर ये भारत हैं जहां आज भी अधिकांश दिन मां के ही साथ बीतता है....मदर्स डे की मोहताज नहीं है मां....हां जो बच्चे किसी कारण से दूर हैं तो उनकी मजबूरी है..पर मां का आर्शिवाद हमेशा उनके साथ रहता है और मां उनके दिल मे.....<br /><br />पर हां ये कलयुग है ......माता भी कहीं कहीं कुमाता हो जाती है अमित....क्या करें....सच्चाई कड़वी है पर सच है...Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-45336160140438993852010-05-09T22:27:26.033+05:302010-05-09T22:27:26.033+05:30अमित आप बिलकुल ठीक हैं की माँ का प्रत्येक दिन तो क...अमित आप बिलकुल ठीक हैं की माँ का प्रत्येक दिन तो केवल अपने बच्चो के लिए ही होता है और वही बच्चे केवल एक दिन अपनी माँ को समर्पित करते बाकि दिनों तो वो केवल एक बोझ हो जाती है। कुछ इसी ही भावनाए शेफाली जी ने अपने ब्लॉग पर अपनी कविता में व्यक्त की हैं। अभी थोड़ी देर पहले ही पढ़ा था। बड़ी लाजवाब कविता है उनकी। मैं आपके भावों से सहमत हूँ।VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-74740933760315846542010-05-09T22:23:14.801+05:302010-05-09T22:23:14.801+05:30वैसे "मदर्स-डे" वे मनायें जो माँ से दूरी...वैसे "मदर्स-डे" वे मनायें जो माँ से दूरी महसूस करते हों. <br />मेरा मानना तो यह भी है कि अपना "बर्थ-डे" वे मनायें जो अपने जन्म को माँ या मातृ- भूमि के लिए सार्थक समझते हों. <br />केक काटना, मोमबतीयाँ बुझाना, गुबारे फोड़ना, और बर्गर-पीजा खाने को ही जो जन्म दिवस मानते रहे हैं. मुझे लगता है वे "पा" के "ओरो" की तरह से प्रोग्रेसिया बीमारी का शिकार हैं जिनकी उम्र तो बढ़ गयी है लेकिन दिमाग नहीं. अपने जन्म दिवस पर फूकने वाले पैसे से 'किसी' वृद्ध माँ की सेवा करें' मदर्स-डे को कुछ सार्थकता मिलेगी.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-27315609928603410862010-05-09T21:50:01.215+05:302010-05-09T21:50:01.215+05:30laajabaab..............
bahut khooblaajabaab..............<br /><br />bahut khoobSANSKRITJAGAThttps://www.blogger.com/profile/12337323262720898734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-19020581706818680842010-05-09T18:00:45.757+05:302010-05-09T18:00:45.757+05:30मां तुझे सलाम...मां तुझे सलाम...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-6985726311307794252010-05-09T17:07:22.662+05:302010-05-09T17:07:22.662+05:30कमबख्त आप कभी फीके भी पड़ोगे क्या :)
हर बार वाह ही...कमबख्त आप कभी फीके भी पड़ोगे क्या :)<br />हर बार वाह ही निकलती है मुहँ सेRituparnnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-92148026772841836292010-05-09T17:04:15.943+05:302010-05-09T17:04:15.943+05:30मां वाकई में सबसे महान है..मां वाकई में सबसे महान है..bhAratiya nAgarikhttp://incitizen.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-25247234129160818132010-05-09T16:35:22.699+05:302010-05-09T16:35:22.699+05:30ना मंत्रं न यंत्रं तदपिच न जाने स्तुति कथा ....
...ना मंत्रं न यंत्रं तदपिच न जाने स्तुति कथा ....<br /><br /><br />आपको मातृत्व दिवस की शुभकामनाएं.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-41425375119852531762010-05-09T15:07:44.766+05:302010-05-09T15:07:44.766+05:30माँ ने हर दिन जिन बच्चों के नाम किया था
उन...माँ ने हर दिन जिन बच्चों के नाम किया था<br />उन बच्चो ने सिर्फ एक दिन माँ के नाम रखा था <br /><br />bilkul karari chotVipulnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-10477906466820111062010-05-09T14:07:15.008+05:302010-05-09T14:07:15.008+05:30bahut hi bhaav poorn panktiyan
dhanybaadbahut hi bhaav poorn panktiyan<br /><br />dhanybaadjyotipandeyhttps://www.blogger.com/profile/03213616385929083822noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921423282499621986.post-85460344301535344592010-05-09T14:05:42.143+05:302010-05-09T14:05:42.143+05:30बहती धार से अलग विचार आप जैसे ही दे सकते है, बिलकु...बहती धार से अलग विचार आप जैसे ही दे सकते है, बिलकुल मार्के की बाट कही है आपनेPushpendrahttps://www.blogger.com/profile/01342834833517234022noreply@blogger.com