आषाढ कृष्ण अमावस्या रविवार 21 जून 2020 को होने वाला सूर्य ग्रहण उत्तर भारत के कुछ भागों में कंकणाकृति तथा शेष भागों में खंडग्रास दृष्टिगोचर होगा । रविवार को सूर्यग्रहण होने से "चूड़ामणि सूर्यग्रहण" के नाम से कहा जाता है । शास्त्रों में चूड़ामणि सूर्यग्रहण के समय स्नान, दान, जप, पाठ आदि का विशेष महत्त्व बतलाया है । ग्रहण का सूतक जयपुर में दिनांक 20 जून, 2020 ई. को रात्रि 10:15 बजे से आरम्भ होगा । सूतक काल में बालक, वृद्ध व रोगियों को छोड़कर किसी को भी भोजनादि नहीं करना चाहिये ।
ग्रहण के समय सूर्य को देखना, भोजन, शयन, मूत्रादि त्याग, तैलाभ्यंग वर्जित होते हैं । पका अन्न, कटी सब्जी - फल ग्रहणकाल में दूषित हो जाते हैं । अतः उन्हें नहीं खाना चाहिये । घी-तेल में पका अन्न, घी, तेल, दूध, दही, आदि में कुशा रखने से दूषित नहीं होते । ग्रहण काल में मन्त्र जाप विशेष रूप से करना चाहिये ।
जयपुर में ग्रहण का स्पर्श प्रातः 10:15 पर, ग्रहण मध्य 11: 56 पर, ग्रहण मोक्ष 13 : 44 पर होगा ग्रहण का पर्वकाल 03 घंटे 29 मिनट का रहेगा । काल भेद से सभी स्थलों पर ग्रहण का स्पर्श-मध्य-मोक्ष भिन्न भिन्न होता है। अपने अपने स्थानों पर ग्रहण का समय ज्ञात करने हेतु दो लिंक दिए जा रहें है, प्रथम लिंक को खोलकर मानचित्र में अपने स्थान को खोजकर वहाँ क्लिक करने पर प्रथम चित्र के अनुसार समन्वित वैशविक समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श-मध्य-मोक्ष समय लिखा दिखाई देगा। तब दूसरे लिंक में अपने स्थान का नाम भरकर पहले लिंक में प्राप्त हुआ UTC वैश्विक समय भरे तो उस स्थान का ग्रहण का स्पर्श-मध्य-मोक्ष समय प्राप्त हो जायेगा।
इस अनुसार ही प्राप्त ग्रहण स्पर्श समय से चार प्रहर पूर्व अर्थात 12 घंटे पहले से सूतक का पालन करें।
1. ग्रहण का स्पर्श-मध्य-मोक्ष समय प्राप्त करने हेतु {समन्वित वैशविक समय} लिंक --https://eclipse.gsfc.nasa.gov/SEgoogle/SEgoogle2001/SE2020Jun21Agoogle.html?fbclid=IwAR1wvzAaXx4uM_mTOor6OYyQEJvoyq0-FKwbv62-rZofU6cThrRBUHmm1JE
2. UTC {समन्वित वैशविक समय} से भारतीय स्थानिक समय परिवर्तन हेतु लिंक ---
https://www.utctime.net/utc-to-ist-indian-converter?fbclid=IwAR0guewiLq6hNKfsI06Zojqk3jNjU2Sl4nMMpOTuIKaxbONtHiF1IG2bALo
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जवाब देंहटाएंbhut hi badiya post likhi hai aapne. Ankit Badigar Ki Traf se Dhanyvad.
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