इतनी दिल्लगी सजन यूँ किया ना किजिये
दिल लगाया है आप से दुखाया ना कीजिये
कब चाहा है हमने पहलू में ही बैठा कीजिये
बस नज़रें इनायत उडती सी ही कर दीजिये
मर्जी जो है आपकी नाम ना लेंगे कभी जुबां से
क्या करियेगा जब लोग सुनेंगे कब्र की फिजां में
साखी क्या दूँ इस बात की बिन तुम्हारे ना जियेंगे
अमित प्रेम हमारा दास्ताँ कियामत तक लोग कहेंगे
भाई वाह,आपका यह रंग बाकि था।
जवाब देंहटाएंकब चाहा है हमने पहलू में ही बैठा कीजिये
जवाब देंहटाएंबस नज़रें इनायत उडती सी ही कर दीजिये
अजी वाह,
जवाब देंहटाएंबड़ा खूबसूरत दिल है(तस्वीर वाला भी) और वैसे ही ख्यालात हैं। आज नया पहलू देखा आपके व्यक्तित्व का।
महाराज, अभी ये हाल है तो सावन में क्या होने वाला है?
कब चाहा है हमने पहलू में ही बैठा कीजिये
जवाब देंहटाएंबस नज़रें इनायत उडती सी ही कर दीजिये
-वाह! क्या तसल्ली है..उम्दा!
इसकी अनगढ़ता ही इसकी निश्च्छलता और अंदाजे बयाँ की ईमानदारी बता रही है -क्या कहने!
जवाब देंहटाएंवाह अमित जी लूट लिया है आपके इस अन्दाज़ेने बयां ने
जवाब देंहटाएंवाह अमित जी लूट लिया है आपके इस अन्दाज़ेने बयां ने
जवाब देंहटाएंवाह.. वाह अमितजी आपने तो दिल लूट लिया। आनन्द आ गया।
जवाब देंहटाएं@ सुज्ञ जी, विपुलजी, मो सम जी ......................
जवाब देंहटाएंरंग तो बाकि बहुत थे मौसम में सतरंग बनाते
जल रहे है गर्मीं से वर्ना सावन में आग लगाते
@ समीरलाल जी, अरविन्द जी, रितुपर्णजी, सोनीजी...............
हमने तो तसल्ली बहुत दी है हमारे अनगढ़ मन को
पर क्या करें आप का जिन्होंने एक वाह से लुटा हमको
एक तो आप रचना बड़ी ही सुन्दर लिख दिए हैं
जवाब देंहटाएंऊपर से फोटू भी बहुत ही सुन्दर लगा दिए हैं
हमरी छोटी सी डिक्सनरी में कौनो शब्द ही नहीं मिल रहा है जो कछु बढ़िया सा लिख देते
आप ही बताइए का करें हम ????
इ तो बहुत सुन्दर लगा रहा है , दिल से कह रहें हैं भैया
एक तो आप रचना बड़ी ही सुन्दर लिख दिए हैं
जवाब देंहटाएंऊपर से फोटू भी बहुत ही सुन्दर लगा दिए हैं
हमरी छोटी सी डिक्सनरी में कौनो शब्द ही नहीं मिल रहा है जो कछु बढ़िया सा लिख देते. अरे तारीफ़ के वास्ते ही तो .
आप ही बताइए का करें हम ????
इ तो बहुत सुन्दर लगा रहा है , दिल से कह रहें हैं भैया
हमें तो मालूम ही नहीं था कि आप ये हुनर भी रखते हैं :)
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति!
एक और विधा में स्वागत है..
जवाब देंहटाएंअब क्या कहे जी!!!!!!!! लूट ही लिया है आपने सच में
जवाब देंहटाएंअबके सावन में तो आग लगा ही दीजिये
आपकी यह अदा भा क्या गयी मार गयी है
जवाब देंहटाएंBhai ji pyar sada banaye rakhna
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंराम राम जी....
जवाब देंहटाएंब्लॉग का नया रूप भी मस्त...चित्र में भी सब मिलते ही दिख रहे है.....बाकी सब हृदय रूप में है फिर ये दुविधात्मक शिकायतें कैसी भाई साहब....?
कुंवर जी,